हां मुझे एक रास्ता मिला है

दूर तलक अंधियारे को चीरता हुआ,
क्षितिज से सूरज निकला है l
हां मुझे एक रास्ता मिला है l
हां मुझे एक रास्ता मिला है ll

भीड़-भाड़ भरी इस दुनिया में, मैं अक्सर भटक जाता हूं l
भूल जाता हूं मंजिल इन तंग होती गलियों चौबारो में l
डर जाता हूँ पल-पल स्वरूप बदलते इन मील के पत्थरों से l
किसी अनजान मोड़ पर रोशनी को नुमायाँ करता एक दीया जला हैl
हां, मुझे एक रास्ता मिला है ll

कभी आ जाता है अकाल, गला सूखने लगता है l
जमीन बंजर सी हो जाती है l
पेड़ सूख जाते हैं और मौसम पतझड़ सा हो जाता है l
उन्हीं पत्तों की ढेरी में, एक फूल खिला है l
हां मुझे एक रास्ता मिला है l
हां, मुझे एक रास्ता मिला है ll

              ~राही ( Sandeep JR Bhati )


Image Source- Sandeep

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