तू चमकता सूरज है
तू चमकता सूरज है, मैं एक ओझल तारा हूं। दर्शन तेरे करने को, मैं फिरता मारा-मारा हूं। तू नदी मदमस्त इठलाती सी, मैं एक शांत किनारा हूं. उफान लहरों का देख तेरी, मैं डूब-डूब सा जाता हूं। तू चमकता सूरज है, मैं एक ओझल तारा हूं। दर्शन तेरे करने को, मैं फिरता मारा-मारा हूं। हुयी सुबह नवेली आज फिर, जगनुओं की रात मैं. तू पूर्णिमा का चांद है। continue.... 2020 lockdown महेंद्र सिंह भाटी, नेवरा