वो लौट आयी
खामोश राहों पर इंतज़ार अब खत्म हुआ यह हवा आज उसका पैगाम लायी है l
दिल की सूखी जमीन पर वो पहली बारिश की तरह फिर लौट आयी हैll
तुम्हारी गैरमौजूदगी में बस तुम्हारे खत और तुम्हारी यादों का ही सहारा थाl
अक्सर मै पूछता खुद से ही की वो शख्स क्यों दूर चला गया जो कभी हमारा थाll
बंद कमरों की चार दीवारी में हर पल तेरा ही नाम गूंजता थाl
तन्हाई की चादर लपेटे हुए दीवारों से ही तेरा हाल पूछता थाll
अनजान था जिससे तेरी कमी ने मुझे उसी चाहत से रूबरू कराया हैl
हँसना मुनासिफ तो नहीं था पर तेरे जाने के गम को मैंने मेरी हँसी के पीछे छुपाया हैll
आजा फिर थामा है हाथ उसने और छोड़ के ना जाने की कसम खायी हैl
पर अरसो बाद वो अँधेरे में रोशनी की तरह आज फिर वो लौट आयी हैll
~ Rajat Rajpurohit
दिल की सूखी जमीन पर वो पहली बारिश की तरह फिर लौट आयी हैll
तुम्हारी गैरमौजूदगी में बस तुम्हारे खत और तुम्हारी यादों का ही सहारा थाl
अक्सर मै पूछता खुद से ही की वो शख्स क्यों दूर चला गया जो कभी हमारा थाll
बंद कमरों की चार दीवारी में हर पल तेरा ही नाम गूंजता थाl
तन्हाई की चादर लपेटे हुए दीवारों से ही तेरा हाल पूछता थाll
अनजान था जिससे तेरी कमी ने मुझे उसी चाहत से रूबरू कराया हैl
हँसना मुनासिफ तो नहीं था पर तेरे जाने के गम को मैंने मेरी हँसी के पीछे छुपाया हैll
आजा फिर थामा है हाथ उसने और छोड़ के ना जाने की कसम खायी हैl
पर अरसो बाद वो अँधेरे में रोशनी की तरह आज फिर वो लौट आयी हैll
~ Rajat Rajpurohit