एक तरफा इश्क़

कभी कभी सोचता हु की बताऊ उसे की कितनी है मोहब्बत तुमसे,

चाहत से रूबरू कराऊं और बताऊ कैसे जुड़े है मेरे जज्बात तुमसे,

बताऊ उसे की कैसे स्कूल के गेट पर एक झलक के लिए घंटो इंतज़ार करता था,

कैसे तुम्हारी निगाहों से बचता था फिरता था और सामने आने से डरता था

कुछ राज बताऊ की कैसे उसे बस में उसकी पसंदीदा सीट खाली मिलती थी

और कैसे उसकी खोयी हुयी हर चीज उसे कितनी आसानी से मिलती थी

कैसे अचानक उसके सामने आ जाने से मेरी खामोश नज़रे झुक जाती थी,

और कैसे वो हर जगह  हर पल मुझे हमेशा अपने आस पास पाती थी

कैसे हमेशा उसे अपने जन्मदिन पर हमेशा एक अजनबी तोहफा मिलता था,

और कैसे बताऊ उसे की मेरे फ़ोन का लॉक हमेशा उसके नाम से खुलता था

कैसे बताऊ उसे की उसकी डांस प्रैक्टिस मैं हमेशा छुप के देखता था

और कैसे गुलज़ार की लाइने चुराकर तुम्हारे लिए कविताए लिखता था

और कैसे बताऊ तुझे की मेरी इन नज़रों को तुम्हारे दीदार की कितनी फिक्र है,

और पढ़ाऊ तुम्हे वो हर एक कविता जिसकी हर लाइन में मेरे एक तरफा प्यार का जिक्र है
                                Rajat Rajpurohit

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तालाब का दुख

हां मुझे एक रास्ता मिला है