बारिश

यह बारिश जरूर तेरे शहर से होकर आयी है

तभी यह हवाये तेरी महक साथ लायी है

बारिश को देखकर तुम दौड़ कर खिड़की पे आयी होंगी

ऐसे अचानक बदलते मौसम को देख के तुम्हे मेरी याद भी आयी होंगी

और तुम्हे जरूर मेरा स्पर्श महसूस हुआ होगा

ज़ब तुमने बारिश की बूंदो को छुआ होगा

एक पल के लिए तेरा वो चेहरा आज भी दिखता है

जैसे बिजली की रोशनी से पल भर आसमान दिखता है

आज इस बारिश ने दिल की राख में फिर आग लगा दी

मिट्टी की इस सौंदी खुशबु ने आज फिर तेरी याद दिला दी...
 
                                     Rajat Rajpurohit

Image source- Sandeep

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